प्रसाद निर्माण से लेकर होमस्टे और जलपान गृह संचालन तक, महिला स्वयं सहायता समूहों की बड़ी भागीदारी
रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): श्री केदारनाथ धाम की यात्रा न केवल आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बनी है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी मजबूत आधार बन चुकी है। रुद्रप्रयाग जनपद में इस वर्ष भी करीब 150 महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) चारधाम यात्रा से जुड़े विभिन्न कार्यों में सक्रिय हैं। जिनमें सैकड़ों महिलाएं प्रसाद निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री, सोवेनियर निर्माण, होमस्टे और जलपान गृह संचालन जैसे कार्यों से सम्मानजनक रोजगार प्राप्त कर रही हैं।
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महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की कहानी
- जखोली ब्लॉक: 50 महिला समूह सक्रिय, जिनमें 30 समूह प्रसाद, 10 समूह धूपबत्ती और 10 अन्य समूह पहाड़ी उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं।
- अगस्त्यमुनि ब्लॉक: 38 महिला समूह, जिनमें से कुछ सोवेनियर बना रहे हैं, कुछ प्रसाद पैकेजिंग और कुछ जलपान गृह चला रहे हैं। इससे लगभग 90 महिलाओं को रोजगार मिला है।
- उखीमठ ब्लॉक: 60 समूह कार्यरत, जिनमें 48 महिलाएं सीधे प्रसाद निर्माण में और बाकी सोवेनियर, टेंट, होमस्टे व स्थानीय उत्पादों की बिक्री में लगी हैं।
ग्रोथ सेंटर में बन रहीं केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृतियाँ
रुद्रप्रयाग के भटवाड़ीसैंण स्थित ग्रोथ सेंटर, जिसे जिला उद्योग केंद्र संचालित करता है। वहां केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति सोवेनियर के रूप में तैयार की जाती है। इस वर्ष अब तक 5000 से अधिक प्रतिकृतियाँ तैयार की जा चुकी हैं। इस केंद्र का संचालन भी स्थानीय महिलाएं कर रही हैं।
ऑनलाइन मिल रहा श्री केदारनाथ प्रसाद
अब श्रद्धालु ऑनलाइन भी श्री केदारनाथ प्रसाद खरीद सकते हैं, जिससे दूर-दराज़ में रहने वाले भक्तों को भी आस्था से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। यह पहल भी महिला समूहों की सहभागिता से संचालित हो रही है।
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स्थानीय उत्पादों को मिल रहा नया बाज़ार
प्रशासन द्वारा महिला समूहों को यात्रा मार्ग पर दुकानें आवंटित की गई हैं, जहां वे उच्च गुणवत्ता वाले स्थानीय उत्पाद बेच रही हैं- जैसे कि बद्री गाय का घी, जिसकी कीमत ₹1200 प्रति किलो है। इससे ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को भी नया जीवन मिला है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की:
चारधाम यात्रा अब केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि महिला समूहों की आर्थिकी का मजबूत आधार बन चुकी है। राज्य सरकार महिला समूहों को यात्रा मार्ग पर स्टॉल, प्रशिक्षण और हर संभव सहायता दे रही है। मैं सभी तीर्थयात्रियों से आग्रह करता हूँ कि वे स्थानीय समूहों के गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को प्राथमिकता दें।